भगवान की कृपा, गुरु के आशीर्वाद और दिव्य शक्तियों के अनुग्रह की आशा रखना हर साधक का स्वाभाविक अधिकार है। परंतु यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह अनुग्रह या आशीर्वाद मात्र प्रार्थना करने से प्राप्त नहीं हो सकता। हमारे जीवन में जब तक पात्रता नहीं होगी, तब तक यह शक्तियां भी हमारी सहायता के लिए प्रस्तुत नहीं हो पाएंगी। यह आवश्यक है कि हम अपनी पात्रता को सिद्ध करें।पात्रता क्या है? यह केवल बाहरी कर्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि आंतरिक साधना का एक निरंतर प्रयास है। आत्म-साक्षात्कार, स्वभाव की शुद्धता, और विचारों की निर्मलता—यह सब मिलकर एक व्यक्ति को इस योग्य बनाते हैं कि वह दिव्य कृपा का पात्र बने।

शास्त्रों में प्रवचनों में भी बार-बार इस बात पर जोर दिया गया है कि यदि आप अपने भीतर पात्रता को जागृत करते हैं, तो देवता आपके सहायक बन जाते हैं।गायत्री माता की कृपा, गुरुजी का आशीर्वाद और देवताओं का अनुग्रह प्राप्त करने की पहली शर्त यही है कि हम अपने जीवन को इस योग्य बनाएं। पात्रता का अर्थ है अपनी साधना, अपने कर्म, और अपनी सोच को इस स्तर पर ले जाना, जहां हम उस दिव्यता के स्पर्श के योग्य हो जाएं।जीवन में कई लोग केवल आशीर्वाद और कृपा की ही इच्छा रखते हैं, परन्तु उन्हें यह समझना होगा कि इसके लिए उन्हें अपनी पात्रता साबित करनी होगी। यदि आप अपने कर्मों और साधना के द्वारा यह सिद्ध कर पाएंगे कि आप उस अनुग्रह के योग्य हैं, तो देवता स्वयं आपकी सहायता करेंगे। किन्तु यदि आप ऐसा नहीं कर पाते, तो फिर निराशा के सिवाय कुछ हाथ नहीं लगेगा।पात्रता को सिद्ध करने का सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है—आत्म-निरीक्षण। हमें अपने भीतर झांककर यह देखना होगा कि किन कारणों से हम उस दिव्य शक्ति की कृपा को नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। हमारे जीवन में कौन सी कमजोरियाँ हैं, कौन से अवगुण हैं जो हमें उस अनुग्रह से दूर रख रहे हैं? इस आत्म-निरीक्षण के बाद, हमें इन कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।याद रखें, केवल भगवान से आशा करना ही पर्याप्त नहीं है। आपको अपनी पात्रता को सिद्ध करना होगा। गुरु का आशीर्वाद तब तक पूर्ण नहीं हो सकता जब तक शिष्य अपने भीतर उस आशीर्वाद को ग्रहण करने की क्षमता नहीं विकसित करता।

गायत्री माता की कृपा तभी होगी जब आपका जीवन उस परोपकार और सेवा के मार्ग पर होगा, जिसकी माता अपेक्षा करती हैं। इसी प्रकार, देवता तब ही आपकी सहायता करेंगे जब आप उन सिद्धांतों के अनुसार चलेंगे जो आपके जीवन को उच्चता प्रदान करते हैं।तो आज से ही अपने जीवन को पात्रता की कसौटी पर कसें। अपनी साधना को और गहन बनाएं, अपने कर्मों को और निर्मल करें, और अपने मन को शुद्ध रखें। जब आप अपनी पात्रता सिद्ध करेंगे, तो आपको न केवल देवताओं का, बल्कि सृष्टि की प्रत्येक ऊर्जा का समर्थन मिलेगा। आपका जीवन सहज रूप से उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा, और सभी प्रकार की बाधाएं स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी।”अपनी पात्रता साबित करें और देवताओं की कृपा पाएं!”#PatrataSabitKaro #DevKripa #YogiPriyavratAnimesh #GayatriMataKiKripa #GuruAshirwad #ShantikunjHaridwar #DivineGuidance #SpiritualWisdom #SelfRealization #AtmaSakshatkar

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