आज मैं योगी प्रियव्रत अनिमेष, आप सभी के समक्ष इस पवित्र अवसर पर ओज फाउंडेशन की ओर से अपने विचार प्रकट करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ। यह मेरे लिए एक विशिष्ट क्षण है क्योंकि हम दुबई की इस भूमि पर एक साथ खड़े हैं, जो विश्व की सबसे विविध सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोग रहते हैं, और यह वही जगह है जहाँ भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर भी अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है। इसी कड़ी में दुबई का “शिव-कृष्ण मंदिर” आस्था, प्रेम, और सद्भाव का एक प्रतीक बनकर उभरा है।आज की इस आध्यात्मिक यात्रा में मुझे इस मंदिर में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मंदिर की इस पावन भूमि पर प्रवेश करते ही मेरे मन में एक अनूठी अनुभूति हुई—यह स्थान सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक जीवंत धरोहर है, जो हमें अपनी संस्कृति और अध्यात्म से जोड़ता है। मोहन जी, जो इस मंदिर के अध्यक्ष हैं, ने मुझे स्नेहपूर्वक स्वागत किया, और उनकी विनम्रता ने मुझे यह समझाया कि यह मंदिर अपने श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है।मंदिर की विशेषता और महत्वइस मंदिर की विशेषता इसके शिव और कृष्ण के दो पवित्र स्थल हैं, जहाँ भक्तगण आकर अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाने और आंतरिक शांति प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। शिव, जो शक्ति और ध्यान के देवता हैं, और श्रीकृष्ण, जो प्रेम, भक्ति और मार्गदर्शन के प्रतीक हैं, इस मंदिर के मुख्य देवता हैं। इस मंदिर में शिरडी साईं बाबा की पूजा भी की जाती है, जो करुणा और सेवा का संदेश देते हैं। बाबा की उपस्थिति इस मंदिर को और भी खास बनाती है, जहाँ न केवल हिंदू श्रद्धालु बल्कि सभी धर्मों के लोग आकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।मंदिर की संरचना में निहित सादगी और शांति हमें यह संदेश देती है कि भव्यता और वैभव से अधिक महत्वपूर्ण है हमारी आस्था और समर्पण। यह हमें सिखाता है कि ईश्वर तक पहुँचने के लिए किसी विशाल इमारत की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि एक सच्चे और सरल हृदय की आवश्यकता होती है। इस मंदिर में आने वाले हर भक्त को यही प्रेरणा मिलती है कि वे अपने जीवन को ईश्वर की सेवा और भक्ति के प्रति समर्पित करें।ध्यान, भक्ति, और सेवा का महत्वयह मंदिर हमें सिखाता है कि ध्यान, भक्ति, और सेवा का महत्व हमारे जीवन में कितना आवश्यक है।

शिव की उपासना हमें ध्यान और आंतरिक शक्ति की ओर प्रेरित करती है, जबकि कृष्ण की भक्ति हमें प्रेम और समर्पण का मार्ग दिखाती है। इस मंदिर के हर कोने में हमें यह अनुभूति होती है कि ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग हमारी आस्था, हमारे कर्म, और हमारे संकल्प में छिपा हुआ है।शिव और कृष्ण दोनों ही महानतम गुरुओं की तरह हैं, जो हमें हमारे जीवन की दिशा दिखाते हैं। शिव हमें सिखाते हैं कि किस प्रकार हम ध्यान और साधना के माध्यम से अपनी आंतरिक शक्तियों को जाग्रत कर सकते हैं। वे हमें यह प्रेरणा देते हैं कि जीवन की हर चुनौती को ध्यान और आत्मबल के द्वारा पार किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, कृष्ण हमें यह सिखाते हैं कि भक्ति और प्रेम के द्वारा हम अपने जीवन के हर पहलू को सजीव और सार्थक बना सकते हैं।भारत और UAE के सांस्कृतिक संबंधइस आध्यात्मिक यात्रा के संदर्भ में मैं यह कहना चाहूँगा कि भारत और UAE के संबंध सिर्फ व्यापारिक या राजनैतिक नहीं हैं, बल्कि इन दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध भी हैं। भारत, जो अध्यात्म और धर्म की भूमि है, उसकी जड़ें गहरे इतिहास में हैं। भारत की यह धरोहर यहाँ UAE में भी गहराई से प्रतिध्वनित होती है, जहाँ अनेक भारतीय प्रवासी रहते हैं और अपने साथ अपनी आस्था, संस्कृति, और परंपराओं को जीवित रखते हैं।शिव और कृष्ण का यह मंदिर इस सांस्कृतिक पुल का एक सुंदर उदाहरण है, जहाँ हिंदू धर्म के अनुयायी अपनी आस्था को मनाते हैं और इस स्थल को धर्म और अध्यात्म का केंद्र मानते हैं। इस मंदिर में न केवल भारतीय समुदाय, बल्कि विभिन्न धर्मों और देशों के लोग भी आते हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि UAE और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंध कितने गहरे और विस्तृत हैं।आज के इस युग में, जब दुनियाभर में तनाव और अशांति का वातावरण है, इस प्रकार के आध्यात्मिक स्थल हमें एकता और शांति का संदेश देते हैं। हम यहाँ एकत्रित होकर यह सीख सकते हैं कि किस प्रकार विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच तालमेल बिठाया जा सकता है, और कैसे अध्यात्म और प्रेम के माध्यम से हम सब मिलकर शांति और सद्भाव की एक नई धारा प्रवाहित कर सकते हैं।संदेश और संकल्पअंततः, इस मंदिर की यात्रा हमें एक संदेश देती है—आस्था, भक्ति और सेवा ही हमारे जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य होने चाहिए। चाहे हम शिव के ध्यान और साधना की ओर आकर्षित हों, या श्रीकृष्ण के प्रेम और भक्ति की ओर, इस मंदिर का प्रत्येक कोना हमें हमारे आंतरिक सत्य से जोड़ता है। हमें अपने जीवन में ध्यान और भक्ति को आत्मसात करना चाहिए और इस मंदिर के आदर्शों का पालन करते हुए अपने जीवन को सच्चाई, सेवा, और समर्पण के मार्ग पर आगे बढ़ाना चाहिए।मेरा सभी से यह निवेदन है कि हम इस पावन स्थल से एक संकल्प लेकर जाएँ—अपने भीतर की शांति और प्रेम को जाग्रत करने का, और इस संदेश को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने का।

ABOUT

The Dubai Hindu Temple is a place of worship for Hindus in Dubai, United Arab Emirates (UAE). The temple caters to the large Hindu community in the United Arab Emirates. The temple complex, initially established in 1958 in Bur Dubai, comprised the Shiva Mandir, Krishna Mandir, and Gurudwara.

In October 2022, the Shiva Mandir and Gurudwara were relocated to a new Hindu Temple at a site in Jebel Ali. Krishna Mandir continues to stay at the Bur Dubai location.HistoryeditIn 1958, Sheikh Rashid bin Saeed al Maktoum permitted a Hindu temple to be built on the first floor on top of a warren of old-fashioned shops in Bur Dubai.[1][2] This shopping center is known as the “Bur Dubai Old Souk” and is located west of the Dubai Creek in the area known as Bur Dubai. This original temple complex housed the Shiva Mandir, Krishna Mandir, and Gurudwara.[3] This temple had a prayer hall with two altars or shrines (“Sannidhis”) on two sides, one for Shiva and one for Krishna. And a third altar for Gurudwara. Underneath the temple hall, there are small old-fashioned shops. This is the shopping center, and there’s no particular identifiable gateway. There are walls built to make the structure sound proof as per government laws to noise control because of structures position in small crowded market.[4]The Hindu Temple, Dubai opened on 5 October, 2022 in Jebel Ali, which includes the Shiva Mandir and Gurudwara.[3] Constructed at a cost of approximately 60 million dirhams, the new Hindu Temple exhibits a fusion of Indian and Arabic architectural styles.[5] The temple was built using 900 tonnes of steel, 6,000 cubic meters of concrete, and 1,500 square meters of marble.[5] The temple has 16 deities including Shiva, Krishna, Ganesh, and Mahalakshmi deities along with the Guru Granth Sahib.[6] The temple’s structure includes hard carved pillars and lattice screens.[5] The structure also includes nine brass spires (kalashas) ornamenting the outer domes.[6]On 3 January 2024, the Shiva Mandir and Gurudwara closed at Bur Dubai complex and relocated all services at the new Hindu Temple, Dubai in Jebel Ali. The Krishna Mandir is still located at the temple complex in Bur Dubai.[3]

The Hindu Temple (referred to locally as Shiva and Krishna Mandir) is a place of worship for Hindus in Dubai, United Arab Emirates (UAE). The temple caters to the large Hindu community in the United Arab Emirates and is currently the only Hindu temple in the UAE.ServicesThe temple is only a prayer hall with two altars or shrines (“Sannidhis”) on two sides, one for Shiva and one for Krishna. A third altar has been set up for Shirdi Sai Baba also.The temple is run in conjunction with the Indian consulate in Dubai. Daily worship is performed here for the framed paintings / posters. The temple also performs wedding ceremonies between Hindus. However, Hindu marriages cannot be registered in the United Arab Emirates.Temple StructureThe approach to the temple is through one of the alleys in the shopping center. Underneath the temple hall, there are small old-fashioned shops. This is the shopping center, and there’s no perticular identifiable gateway. The alley has shops on both sides, some of which sell the material required for worship, such as flowers and joss-sticks. There are walls built to make the structure sound proof as per government laws to noise control because of structures position in small crowded market.

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