Oct 25, 2024 | Uncategorized
दया का दिव्य गुण पूज्य “Yogi Priyavrat Animesh” जी के आशीष वचनपूज्य। Yogi Priyavrat Animesh जी ने कहा कि देवी माँ ललिता राजराजेश्वरी की अनुकंपा से साधक अपनी आत्मिक शक्ति एवं अविनाशी सत्ता का अनुभव करता है। विशेषतः “अहोई अष्टमी” के पावन दिन...
Oct 25, 2024 | Uncategorized
प्रिय आत्मीय साधक,सीता का जो गूढ़ अर्थ है, वह किसी मात्र लौकिक स्त्री के रूप में समझने की सीमा से परे है। सीता, इस चराचर जगत की मूल प्रकृति की प्रतीक हैं, और उनका अवतरण भूमि तत्त्व से होना कोई साधारण घटना नहीं है, यह आत्मबोध का सूक्ष्मतम स्वरूप है, जिसे केवल उर्ध्व...
Oct 25, 2024 | Uncategorized
“योगी जी कहते हैं कि यह जान लो कि एक ही परब्रह्म है – वो परम सत्य, वो ब्रह्म जो नाम और रूप से परे है। कोई आकार नहीं, कोई प्रतीक नहीं। वो है और नहीं भी है। वो हर जगह है और कहीं भी नहीं। यह समझना कठिन हो सकता है, पर इसी में सब कुछ छिपा है। एक परम सत्य जो हर जीव...
Oct 22, 2024 | Uncategorized
यह प्रवचन योगी प्रियव्रत अनिमेष द्वारा प्रस्तुत है, जिसमें हम आध्यात्मिक योग क्रिया और जीवन की ऊर्जा के गहनतम रूप—प्रज्ञा—की महिमा का अनुभव करेंगे। यह प्रवचन आपको यह समझने में मदद करेगा कि कैसे योग के माध्यम से हम अपनी आंतरिक ऊर्जा को शुद्ध कर प्रज्ञा का विकास कर सकते...
Oct 22, 2024 | Uncategorized
आज हम एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे—विचारों का हमारे जीवन पर प्रभाव। यह समझना आवश्यक है कि हमारे विचार न केवल हमारे आचरण को प्रभावित करते हैं, बल्कि हमारे पूरे जीवन को आकार देते हैं। विचार ही चरित्र और जीवन का निर्माण करते हैं, और जिस प्रकार हम सोचते हैं,...
Oct 21, 2024 | Uncategorized
आज हमारे सामने एक ऐसा समय आ खड़ा हुआ है, जब मनुष्य का मन कुरीतियों और बुराइयों का दास बन चुका है। मानसिक और सामाजिक बुराइयाँ, जिनकी जड़ें हमारे समाज में गहरी होती जा रही हैं, हमें चुनौती दे रही हैं। मैं आपसे आह्वान करता हूँ कि हम सब मिलकर इस अंधकारमय स्थिति के खिलाफ...