शिव की साधना, कृष्ण की भक्ति – भारत और UAE के बीच अध्यात्म की नई धारा” – योगी प्रियव्रत अनिमेष

आज मैं योगी प्रियव्रत अनिमेष, आप सभी के समक्ष इस पवित्र अवसर पर ओज फाउंडेशन की ओर से अपने विचार प्रकट करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ। यह मेरे लिए एक विशिष्ट क्षण है क्योंकि हम दुबई की इस भूमि पर एक साथ खड़े हैं, जो विश्व की सबसे विविध सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों में से...

” तपते रेगिस्तान मे आध्यात्मिकता की शीतल छांव में, एकता और प्रेम का संदेश ” – योगी प्रियव्रत अनिमेष UAE Spiritual yatra

” तपते रेगिस्तान मे आध्यात्मिकता की शीतल छांव में, एकता और प्रेम का संदेश ” – योगी प्रियव्रत अनिमेष UAE Spiritual yatra योगी प्रियव्रत अनिमेष जी की आज BAPS हिंदू मंदिर, अबू धाबी में की गई आध्यात्मिक यात्रा ने UAE की धरती पर आध्यात्मिकता और सद्भाव का...

भारत-नेपाल संबंधों को सशक्त करने हेतु योगी प्रियव्रत अनिमेष का महत्वपूर्ण संवाद :(चाय पर चर्चा)

आज नई दिल्ली :- नेपाल एंबेसी में योगी प्रियव्रत अनिमेष और नेपाल के एंबेसडर के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस चर्चा का मुख्य केंद्र भारत-नेपाल के संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करना और नेपाल को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना...

योगी प्रियव्रत अनिमेष की दुबई यात्रा: जलवायु परिवर्तन और जल सुरक्षा पर सहयोगात्मक चर्चादुबई, संयुक्त अरब अमीरात — योगी प्रियव्रत अनिमेष

ओज फाउंडेशन के संस्थापक और युवा पीढ़ी के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शक, वर्तमान में दुबई की यात्रा पर हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व पर्यावरण और जल मंत्री, महामहिम डॉ. मोहम्मद सईद अल किंदी के साथ जलवायु परिवर्तन और जल सुरक्षा पर गहन...

आध्यात्मिक जागृति का पथ – योगी प्रियव्रत अनिमेष

प्रभु की अनुकंपा से, आज हम एक ऐसा विषय छूने जा रहे हैं जो न केवल हमारे जीवन को बदलने की क्षमता रखता है, बल्कि हमें एक नई दिशा और ऊर्जा भी प्रदान करता है। “आध्यात्मिक जागृति का पथ” केवल एक मार्ग नहीं है, बल्कि यह एक गहरी यात्रा है जो हमें आत्मा के सच्चे...

अपराध से सतही बदलाव, लज्जा से गहरे आंतरिक परिवर्तन का अनुभव।” – योगी प्रियव्रत अनिमेष

यह अंतर गहराई से समझने योग्य है कि अपराध और लज्जा दो भिन्न अवस्थाएँ हैं। जब कोई व्यक्ति अपराध करता है, तो उसके मन में डर होता है कि वह पकड़ा न जाए, उसे दंड न मिले। लेकिन लज्जा एक आंतरिक अनुभूति है, जो आत्मजागरण से उत्पन्न होती है। लज्जा तब आती है जब व्यक्ति अपने भीतर...